यद्यपि पछिला किछु बरख सं बिहार मे हिंदुस्तान कें दैनिक जागरण सं खासतौर सं चुनौती भेट रहल छैक,मुदा आइयो बिहार मे इएह अखबारक पर्याय बनल अछि। आर्यावर्त,प्रदीप आ पाटलिपुत्र टाइम्स आदि कें डूबलाक बाद हिंदुस्तान कें एकछत्र साम्राज्य रहल छैक बिहार मे। विडम्बना देखियौक जे जाहि बिहार सं हिंदुस्तान एतेक बरख धरि पैसा पीटैत रहल,ओही बिहार मे हिंदुस्तानक दाम सभसं बेसी अछि। एम्हर दिल्ली मे हिंदुस्तान रोज परिशिष्ट छपैत अछि,पूरा अखबार रंगीन रहैत छैक,पृष्ठ सेहो बेसी । तइयो दाम बिहार सं कम राखल गेल छैक। विज्ञापनो केर मामिला मे बिहार संस्करण कें तुलना हिंदी के कोनहु अखबार सं कएल जा सकैछ। मुदा दाम नहि घटलैक। अखबार राज्यक गरीबी आ पाठकीयताक हवाला दैत रहल परञ्च आर्थिक मोर्चा पर कोनो उदारता बरतए सं परहेजे कएने रहल। एम्हर,दैनिक जागरण सं बढैत चुनौती आ नईदुनिया तथा भास्कर केर प्रकाशनक तेज होइत गतिविधि के देखैत,आब प्रबंधन कें निन्न खुजल छैक।
तें,आइ सं पेश अछि हिंदुस्तानक नव कलेवर जाहि मे प्रतिदिन युवावर्ग कें समर्पित चारि पेज रहत। एखन एकर शुरूआत पटना सं भेल छैक। आस्ते-आस्ते,आनो संस्करण मे ई पेज जुड़तैक। तत्काल एहि कारणें नहि कि एकरा लेल नव प्रिंटिंग तकनीक केर जरूरति छैक जाहि मे थोडेक समय लगतैक। अनुमान कएल जएबाक चाही जे दामो जल्दिए किछु घटतैक।