हालहि मे,मैथिलीक साहित्यकारलोकनि कें प्रतिष्ठित यात्री पुरस्कार आ कांचीनाथ झा किरण पुरस्कार सं सम्मानित कएल गेलनि। समारोह मधुबनी मे आयोजित भेल छल।
2010 केर यात्री पुरस्कार पछिला तीस बरख सं सक्रिय कवि-कथाकार-निबन्धकार-आलोचक नारायण जी केँ देल गेलनि । हम घर घुरि रहल छी हुनक चर्चित पोथी छन्हि।
2009 के पुरस्कार भेटलनि अलीगढ मुसलिम विश्वविद्यालय मे हिंदी के एसिस्टेंट प्रोफेसर डाक्टर पंकज पराशर कें। कवि-समालोचक पंकज जी सहरसा के छथि आ हुनकर दू गोट पोथी बहरायल छन्हि-समय कें अकानैत आ विलम्बित कईक युग मे निबद्ध।
2008 केर लेल इएह पुरस्कार कवि हरेकृष्ण झा कें भेटलनि। कोईलखवासी श्री हरेकृष्ण जी कवि-आलोचक-अनुवादक छथि। एना कतेक दिन हुनकर चर्चित काव्य-संग्रह छन्हि।
कांचीनाथ झा किरण पुरस्कार मधुकांत झा केँ हुनकर उपन्यास स्वेदजीवी के लेल देल गेलनि। फुलपरास थानांतर्गत विष्णुपुर निवासी मधुकांत जी चर्चित मैथिली पत्रिका समय-साल के सम्पादक छथि। ओ बहुविध लेखन कएने छथि। हिंदी मे दूधिया मेघ(कविता),चंद खुशियां दबोचे गले(गजल) आ मैथिली मे वेदना के स्वर-तरंग(गीत),लोक की कहत(कथा),मिझाइत अंत प्रकाश(कविता) आ लटलीला(प्रेम-संवाद संग्रह) प्रकाशित छन्हि।
पुरस्कार विजेता लोकनि कें अंगवस्त्रम, प्रशस्ति पत्र, 1501 नकद राशि और मार्ग व्यय प्रदान कयल गेलनि। खास बात ई जे श्रोताक संख्या लगभग बीस-पच्चीस हजार छल, जे आश्चर्यजनक उपस्थिति छल। एहि त्रिदिवसीय कार्यक्रमक आयोजक छल रहिका, मधुबनी केर मैथिल समाज। एहि कार्यक्रम मे पंडौल केर विधायक विनोद नारायण झा आ मधुबनीक एसपी उषा झा केर उपस्थिति अंत धरि छल। कार्यक्रम मे मिथिलाक आर्थिक विकास विषय पर घनघोर सेमिनारक भेल। संग-संग नाटक, गीत-नाद, सांस्कृतिक अनेक कार्यक्रम सेहो छल।
कार्यक्रम वृहद पैमाना पर छल, जाहि मे रहिका केर आसपासक कम सँ कम आठ-दस गामक सब तरहक सहयोग छल।
2010 केर यात्री पुरस्कार पछिला तीस बरख सं सक्रिय कवि-कथाकार-निबन्धकार-आलोचक नारायण जी केँ देल गेलनि । हम घर घुरि रहल छी हुनक चर्चित पोथी छन्हि।
2009 के पुरस्कार भेटलनि अलीगढ मुसलिम विश्वविद्यालय मे हिंदी के एसिस्टेंट प्रोफेसर डाक्टर पंकज पराशर कें। कवि-समालोचक पंकज जी सहरसा के छथि आ हुनकर दू गोट पोथी बहरायल छन्हि-समय कें अकानैत आ विलम्बित कईक युग मे निबद्ध।
2008 केर लेल इएह पुरस्कार कवि हरेकृष्ण झा कें भेटलनि। कोईलखवासी श्री हरेकृष्ण जी कवि-आलोचक-अनुवादक छथि। एना कतेक दिन हुनकर चर्चित काव्य-संग्रह छन्हि।
कांचीनाथ झा किरण पुरस्कार मधुकांत झा केँ हुनकर उपन्यास स्वेदजीवी के लेल देल गेलनि। फुलपरास थानांतर्गत विष्णुपुर निवासी मधुकांत जी चर्चित मैथिली पत्रिका समय-साल के सम्पादक छथि। ओ बहुविध लेखन कएने छथि। हिंदी मे दूधिया मेघ(कविता),चंद खुशियां दबोचे गले(गजल) आ मैथिली मे वेदना के स्वर-तरंग(गीत),लोक की कहत(कथा),मिझाइत अंत प्रकाश(कविता) आ लटलीला(प्रेम-संवाद संग्रह) प्रकाशित छन्हि।
पुरस्कार विजेता लोकनि कें अंगवस्त्रम, प्रशस्ति पत्र, 1501 नकद राशि और मार्ग व्यय प्रदान कयल गेलनि। खास बात ई जे श्रोताक संख्या लगभग बीस-पच्चीस हजार छल, जे आश्चर्यजनक उपस्थिति छल। एहि त्रिदिवसीय कार्यक्रमक आयोजक छल रहिका, मधुबनी केर मैथिल समाज। एहि कार्यक्रम मे पंडौल केर विधायक विनोद नारायण झा आ मधुबनीक एसपी उषा झा केर उपस्थिति अंत धरि छल। कार्यक्रम मे मिथिलाक आर्थिक विकास विषय पर घनघोर सेमिनारक भेल। संग-संग नाटक, गीत-नाद, सांस्कृतिक अनेक कार्यक्रम सेहो छल।
कार्यक्रम वृहद पैमाना पर छल, जाहि मे रहिका केर आसपासक कम सँ कम आठ-दस गामक सब तरहक सहयोग छल।