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Thursday, April 01, 2010

भक्ति आंदोलनक प्रारंभ विद्यापति सं

बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में काल्हि आचार्य केसरी कुमार केर जयंती पर आधुनिक हिन्दी कविता के विकास में बिहारक योगदान विषय पर पटना मे एक विचार-गोष्ठी आयोजित भेल। एहि में कहल गेल जे देश में भक्ति आंदोलनक प्रारंभ विद्यापति सं भेल छल। कार्यक्रम में प्रपद्यवादक पुरोधा केसरी कुमार कें श्रद्धापूर्वक याद कएल गेलन्हि। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा. जगदीश पाण्डेय के अध्यक्षता में आयोजित विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता-सह-भूपेंद्र नारायण मंडल विवि के पूर्व कुलपति डा. अमरनाथ सिन्हा आधुनिक हिन्दी कविता के विकास में बिहारक योगदान कें रेखांकित करैत कहलनि जे हिन्दी कविता के बहुविध विकास में बिहार अग्रणी रहल अछि। ओ दिनकर, प्रभात, आरसी प्रसाद सिंह, जानकी वल्लभ शास्त्री, मोहनलाल महतो वियोगी, रूद्र, सत्यनारायण, केसरी कुमार, राजेंद्र सिंह आदि कविलोकनिक योगदान पर विशेष चर्चा कएलनि। अध्यक्षीय संबोधन में डा. जगदीश प्रसाद पाण्डेय कहलनि जे हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा शीघ्र आजुक हिन्दी कविलोकनि कें सम्मानित कएल जाएत। हिन्दी साहित्य सम्मेलन के प्रधानमंत्री रामनरेश सिंह केसरी कुमार के योगदानक चर्चा करैत हुनका हिन्दी साहित्यक धरोहर बतओलनि। गोष्ठी में उपाध्यक्ष अनिल सुलभ व डा. जितेंद्र सहाय, कला मंत्री डा. शंकर प्रसाद, पुस्तकालय मंत्री डा. ब्रजभूषण शर्मा, साहित्य मंत्री शिवशंकर पाण्डेय, जेपी मिश्र, जेपी द्विवेदी आदि सेहो विचार व्यक्त कएलनि। मंच संचालन डा. शिवशंकर पाण्डेय कें छल।