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Monday, February 15, 2010

सेवानिवृत्ति बाद विभागीय जांच संबंधी महत्वपूर्ण फैसला

बंबई हाईकोर्ट एक निर्णय में कहलक अछि जे कर्मचारी के रिटायर भेलाक बाद ओकर खिलाफ विभागीय जांचक प्रकिया तखने आगू बढ़ाओल जा सकैछ जखन कानून सं ओकर अनुमति लेल जाए।
ई निर्णय धारियाशील जाधव केर याचिका कें संदर्भ में देल गेल छल जे दिसंबर २००३ में महाराष्ट्र एग्रो इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लि. सं रिटायर भेल छलाह। हुनकर रिलीविंग लेटर में सेहो एहि बातक जिक्र रहैक जे ओ अपन कार्यकालक दौरान संस्थानक लेल बहुमूल्य योगदान देने छलाह। तइयो,हुनका ग्रेच्युटी लाभ नहिं देल गेलन्हि। २००५ में ग्रेच्युटी संबंधी हुनक आवेदन केर प्रतिक्रिया में,हुनका खिलाफ दुर्व्यवहारक लेल विभागीय जांचक आदेश द देल गेल। एहि जांच आदेशक पक्ष लैत, हाईकोर्ट में एमएआईडीसी कहलक जे जाहि दिन जाधव रिटायर भेलाह,ओही दिन हुनका एक मेमो सौंपल गेल छल आ रिलीविंग लेटर कें जांचक विषय बनाओल गेल छल। श्री जाधव के वकीलक कहलनि जे महाराष्ट्र सिविल सर्विस पेंशन कानून १९८२ के मोताबिक, जांच-प्रक्रिया कें आगू बढ़एबा लेल एमएआईडीसी एहि कानून कें कहियो नहि अपनओलक आ जखन विभाग एकरा मानबे नहि कएलक तखन फेर रिटायरमेंट के बाद जांच कें आगू नहिं बढ़ाओल जा सकैछ। कोर्ट एहि बात सं सहमत भेल आर जाधव के पक्ष में फैसला देलक।