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Tuesday, February 23, 2010

विधायक डांस मे अनुचित की?

बिहार मे एक जद-यू विधायक शनिकए रात भरि बार बाला संग नचैत रहलाह। प्रसंग ई छलैक जे रविकए पटना कें गांधी मैदान मे, दलित रैली में भाग लेबाक लेल राज्य भरि सं लोक सभकें अएबाक छलैक जनिक मनोरजन लेल बाहर सं एक दर्जन बार-बाला सभ कें बजाओल गेल छल।
पटना के विधायक हाउस में रातिभरि डांस चलल। जीरादेई कें विधायक श्याम बहादुर सिंह एहि नाच मे शामिल भेलाह आ केहन-केहन पोज देलनि से सभ केओ टीभी पर देखलक। एहि प्रकरण कें ल कए बड्ड बहसा-बहसी भेल जे की विधायक कें ई सभ शोभा दैत छैक आ इहो जे नीतीशक विधायक कोन मानदंड कायम क रहल छथि। मुदा एहि विषय पर आजुक नवभारत टाइम्स,दिल्ली संस्करण मे कनेक अलग दृष्टि सं विचार कएल गेल छैक। पत्र लिखैत अछिः
नेता चाहथि तं भरि देश कें अपन हिसाब सं नचबथि, मुदा कहियो जं ओ अपने ककरो संग डांस क लथि तं किछु लोक कें बेजाए बूझि पड़ैत छन्हि। बिहार में जेडी(यू) कें एक एमएलए केर डांस पर आरजेडी इस्तीफा केर मांग क देलक। जेना, विधायक सं कोनो बड़का अपराध भ गेल हुअए।

पूर्व मे सेहो, जनप्रतिनिधि द्वारा बार गर्ल्स कें कोनहु आयोजन में बजएबाक अथवा कार्यक्रम आयोजित करबाक ल कए बड्ड हो-हल्ला होइत रहल छैक । एहि सभ मामिला कें एहि तरहें प्रस्तुत कएल जाइत छैक जेना जन प्रतिनिधि मर्यादाकें माटि मे मिला देने होथि। गौर करबाक बात ई जे एहि पर राजनीतिक सं बेसी गैर-राजनीतिक तबका हायतौबा मचबैत अछि जाहिमें समाजक शिक्षित मध्य वर्ग खासतौर सं शामिल अछि।

अपन मामिला में तं ई वर्ग खुलापन केर समर्थक अछि आ कोनहु तरहक सेंसर केर विरोध करैत अछि। ई वर्ग पॉप्युलर कल्चर केर समर्थक अछि आ सिनेमा-टीवी के अलावा फैशन शो, मॉडलिंग केर मज़ा सेहो लुटैत अछि। परञ्च, इएह वर्ग कें ई पसिन्न नहि जे बार गर्ल्स आम आदमी के मनोरंजन लेल ओकर बीच जाकए शो करए। बार गर्ल्स के डांस में ओकरा अश्लीलता बुझाइत छैक, मुदा हॉलीवुड आर बॉलीवुड फिल्मक लोकनृत्यक खुलापन कें ई वर्ग अनुचित नहि बुझैछ। ओकरा बुझाइत छैक जे बार गर्ल्स के साथ ठाढो हएब सामाजिक मर्यादा भंग करब छैक। केओ जनप्रतिनिधि एना करए,से ओकरा एकदम्म मंजूर नहि।

पत्र प्रश्न करैत अछि जे जं बार गैर-कानूनी नहि, बार में गर्ल्स केर हएब गैर-कानूनी नहि, ककरो डांस करब गैर- कानूनी नहि, तं ओकर कार्यक्रम आयोजित करबा लेल अथवा ओकरा संग नचबा लेल कोनो नेता कें किएक कठघरा मे ठाढ कएल जाइत छैक? आखिर हमार सभहक जन-प्रतिनिधि सेहो एही समाजक हिस्सा छथि। जं ओ आम आदमी जकां व्यवहार करैत छथि,तं एहि मे गलत की छैक?

अख़बारक मत छैक जे दरअसल भारतीय समाज में नैतिकता कें दोमर्जा मापदंड प्रचलित छैक। एतय नैतिक उएह जे सार्वजनिक तौर पर स्वच्छ देखबा मे अबए, भले परदा पाछू ओ किछुओ करए। एहिठाम स्वच्छता सेहो ओही मध्यवर्गीय मानसिकता सं निर्धारित होइत छैक। एतय नेता सभहक नाच-गान पर तं बड्ड आपत्ति व्यक्त कएल जाइत छैक मुदा ओकर घोटाला अथवा आपराधिक कृत्य के ल कए कोनो खास हलचल नहि देखबा मे अबैछ। पश्चिम केर समाज एहि सं काफी आगू निकलि चुकल छैक। ओ अपन जन-प्रतिनिधि केर निजी जीवन सं बेसी महत्व ओरक मूल काज कें दैत छैक।

फ्रांस कें राष्ट्रपति सारकोजी कें पत्नी कार्ला ब्रूनी केर मॉडलिंग पर कोनो सवाल नहि उठाओल जाइत छैक। ओतय, जनप्रतिनिधि आर शेष समाजक लेल अलग-अलग मानदंड नहि छैक। जे अपेक्षा पूरा समाज सं रहैछ, सएह नेतो सभ सं। परन्तु भारतीय समाज में अलग-अलग कसौटी भेलाक कारणें कतेको तरहक समस्याएं आबि रहल छैक।तें, ने तं हमरा सभ कें दू तरहक जीवन जीबाक चाही आ ने अपन नेता सभ कें ओना करबाक लेल विवश करबाक चाही।
अपनेक विचार आमंत्रित अछि।