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Monday, February 15, 2010

सीता कें धरती पर आबि गौरवान्वित छीःहेमा

१९म चंपारण सांस्कृतिक महोत्सव मे बसंती के जलवा
चंपारण सांस्कृतिक महोत्सवक तेसर राति स्वप्न सुंदरी हेमामालिनी अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्था नाट्य विहार केंद्र मे राधा-कृष्ण नृत्य-नाटिका प्रस्तुत कएलनि । शनिक सांझे सं दर्शकलोकनिक हुजूम मोतिहारी के गांधी मैदान दिसि उमड़ि पड़ल छल। पंडाल सांझहि में भरि गेल छल । नृत्य-नाटिका राति लगभग १०.३० बजे शुरू भेल । दर्शक बेसुध और अपलक एहि नृत्य-नाटिका कें देखैत रहलाह। सभहक इएह कहब रहनि जे ओ एहन प्रस्तुति कहियो नहि देखने रहथि। राधा बनल हेमामालिनी आर कृष्ण बनल राहुल डिसुजा के मनोहारी नृत्य पर लाइट आर साउंड केरसंयोजनबेजो़ड़ छल ।

वृंदावनक कुंजगली में गोपी सभहक संग नृत्य करैत राधा-कृष्णक मनमोहक अदा सं दर्शकों भाव-विभोर भ गेलाह। अरिष्ट सुर वध, राधाकृष्णक प्रेम लीला केर अंतरंग क्षण बड़ मनमोहक छल । देवकी सं विलगावक ह्दय-विदारक आ रोमांचक दृश्य दर्शकलोकनि कें भावुक क देलक। यमुना तट पर गोपी सभहक संग महारासक नयनाभिराम दृश्य देखि दर्शक मस्त छलथि। एहि क्रम में सभसं प्रभावकारी दृश्य गोपी-उद्घव संवाद केर छल।

एहि नृत्य-नाटिका में हेमा आर डिसूजा के संग लगभग दू दर्जन कलाकार गोप व गोपियां के वेश में छलाह। नाटिका समाप्त भेला पर हेमामालिनी कहलनि जे ओ गांधी, बुद्घ, वाल्मीकि आर सीता केर भूमि पर आबिकए गौरवांन्वित महसूस क रहल छथि। नृत्य नाटिका केर गीत-संगीत रवींद्र जैन आर पार्श्व गायन सुरेश वाडेकर, कविता कृष्णमूर्ति आ रूप कुमार राठौर कें छल। परिकल्पना आर वेशभूषा स्वयं हेमामालिनी के।