मैथिली में लेखन के माने छैक कविता,कहानी आ मिथिलाक गुणगान। रेखाचित्र,संस्मरण,रिपोर्ताज,यात्रा-वृतांत आदिक क्षेत्र में काज नहिं के बराबरि भेल छैक। तहिना, पत्रकारिता सेहो अपन मूल स्वरूप में मैथिली में कहियो विकसित नहिं भ सकल। गोलैसी के कारणें सक्षमलोकनि सेहो नहिं साहस कए सकलाह मैथिली में लिखबाक। मुदा मैथिली कें नवजीवन भेटबाक बाद सं,आनो विधा कें मैथिली में प्रोत्साहित करबाक प्रयास भ रहल अछि। पछिला चारि बरख सं,चर्चित पत्रिका समय-साल पत्रकारिता कें प्रोत्साहित करबा लेल शेखर सम्मान द रहल अछि। एहि क्रम में,ताज़ा जानकारी ई अछि जे स्वस्ति फाउंडेशन मैथिली में एहि बरख सं पत्रकारिता पुरस्कारक प्रारम्भ क रहल अछि। ज्ञातव्य जे इएह फाउंडेशन प्रबोध साहित्य सम्मान सेहो प्रदान करैत अछि जेकरा मैथिली में लाइफ टाइम एचीवमेंट पुरस्कार मानल जाइत छैक।
कोलकाता सं बहराइत द्वैमासिक पारिवारिक मैथिली पत्रिका मिथिला दर्शनक मुख्य प्रबंधक प्रणव कुमार सिंहजी सूचित कएलनि अछि जे ई पुरस्कार मैथिली पत्रकारिताक विकास कें ध्यान मे राखि आ युवा पत्रकार कें प्रोत्साहित करबाक उद्दश्यें आरंभ कएल जा रहल अछि।
पुरस्कार समकालीन समस्या आधारित साहित्येतर आलेख(समय साल सेहो, शेखर सम्मान साहित्येतर सामग्री लेल दैत छैक)पर देल जायत। मिथिला दर्शन में साल भरिक विभिन्न अंक मे प्रकाशित आलेख मे जे सर्वोत्तम होयत तेकर लेखक कें ५०००/-टाका पुरस्कार स्वरूप देल जएतनि। प्रथम मिथिला दर्शन पत्रकारिता पुरस्कार अगिला बरख प्रबोध साहित्य सम्मानक संगहि फरवरी में प्रदान कएल जायत।
प्रणव जी समसामयिक विषयक रचनाकार लोकनि सं आग्रह कएलनि अछि जे ओ अधिकतम २००० शब्द धरिक अपन आलेख श्री रामलोचन ठाकुर, कार्यकारी सम्पादक, "मिथिला दर्शन", 2 - एम , चिराग अपार्टमेन्ट, 4 इतालिगाछा रोड, कोलकाता - ७०००२८ के पठाबथि।
एहि विषय पर सार्वजानिक सूचना मिथिला दर्शनक जनवरी-फरवरी,2010 केर अंक में पृष्ठ ३४ पर सेहो उपलब्ध अछि।