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Sunday, December 13, 2009

नव राज्यक लहरि में मिथिलांचल


मैथिली के संविधानक अष्ठम अनुसूची में स्थान दिअएबा लेल संघर्षरत रहल नेता आ विधान परिषद के सभापति ताराकांत झा कहियो मिथिलांचल राज्यक स्थापना लेल माथ मुड़ेने रहैत छलाह । एम्हर नव राज्यक लेल धमगिज्जर मचल देखि हुनकर कहब छनि जे अलग राज्य बनएबाक मिथिलांचल के दाबी पर सभ पार्टी के गंभीरता सं मंथन करबाक चाही। हुनकर विचार छनि जे अलग राज्यक कसौटी पर मिथिलांचल सब तरहें उपयुक्त अछि मुदा राज्यक निर्माण नीतिगत आधार पर हेबाक चाही आ ईहो जे राज्यक गठन प्रशासनिक सुविधा,भौगोलिक एकता, पिछड़ापन आ विकास के आधार पर हेबाक चाही, ने कि राजनीतिक कारणों सं, जेना कि तेलंगाना के मामिला में भ रहल छैक। जहां तक मिथिलांचल के बात छैक, त ई छोट राज्यक गिनती में नहिं आओत किएक तं ई हिन्दुस्तानक कतेको राज्यों सं पैघ छैक। श्री झा कहलनि जे कोनहु राज्य ईमानदार आ दूरदर्शी नेता सं तरक्की करैत छैक। ई दुनू गुण ताराकांतो बाबू में छन्हिए।
ओम्हर,मिथिला राज्य अभियान समिति के कार्यकारी अध्यक्ष आ साहित्य अकादमी के पूर्व सदस्य डा.सुरेश्वर झाक कहब छनि जे विकासक लिहाज सं, मिथिलांचल के अलग अस्तित्व प्रदान नहिं करब करोड़ों मिथिलावासी लोकनिक साथ अन्याय हएत। मिथिला जन विकास परिषद के महासचिव नवेन्दु कुमार झा आ अंतर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद के प्रवक्ता डा.धनाकर ठाकुर सेहो अलग तेलंगाना राज्यक गठन के स्वागत कएलनि अछि। ओ कहलनि जे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा छोट-छोट राज्यक प्रतिएं समर्थन व्यक्त करब अलग मिथिला राज्यक मांग कें बल प्रदान करैत छैक(ध्यातव्य जे नीतीश इहो कहलनि अछि जे बिहार सं छोट राज्य नहिं हेबाक चाही)। डा. ठाकुर आ श्री झा कहलनि जे आजादी के 62 बरख बादो मिथिलांचल में विकास केर लसि नहिं छैक । बाढ़ और सुखाड़ मिथिलावासीलोकनिक नियति बनि गेल अछि आ ओ शिक्षा, रोजगार व उद्योग सं वंचित छथि। तें, अलग राज्ये एकमात्र विकल्प अछि आ एकरा लेल राजनीतिक आ सामाजिक संगठन सब के आगू आबि दबाव बनएबाक चाही। अखिल भारतीय देशभक्त मोर्चा के महासचिव नीलमणि कुमार सिंह सेहो मिथिलांचल के अलग राज्यक दर्जा देबाक मांग कएने छथि।