Monday, December 28, 2009
राष्ट्रीय संस्कृत सम्मेलन पटना में आई सं
बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित दू दिनक राष्ट्रीय संस्कृत सम्मेलन आई सं श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में प्रारंभ भ रहल अछि। सम्मेलन में संस्कृत भाषा, साहित्य आ संस्कृति पर चारि सत्र में चर्चा हेतैक। वैज्ञानिक चिंतन के आधार पर संस्कृत के उन्नयन आ ओकरा रोजगारपरक बनएबा पर जोर देल जेतैक। सम्मेलन में, ज्ञानपीठ पुरस्कार सं सम्मानित प्रख्यात विद्वान पद्मश्री आचार्य सत्यव्रत शास्त्री आ संस्कृत विद्यापीठ, तिरुपति के कुलपति डा. हरे कृष्ण सतपथी समेत मारिते शिक्षाविद् शामिल भ रहल छथि। संस्कृत बोर्ड आ आयोजन समिति के अध्यक्ष सिद्धेश्वर प्रसाद के कहब छनि जे संस्कृत शिक्षण के समस्या आ समाधान, भारतीय संस्कृति व साहित्य में बिहार केर प्रतिभागिता आ संस्कृत साहित्य में वैज्ञानिक चिंतन सन-सन विषय पर विद्वान लोकनि सम्मेलन में चर्चा करताह। कवि सम्मेलन आ सांस्कृतिक कार्यक्रमक व्यवस्था सेहो छैक। सम्मेलन मे राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली के डा. रामकरण शर्मा, स्नातकोत्तर महाविद्यालय, हिसार के हिन्दी विभागक अध्यक्ष डा. रामनिवास मानव, देहरादून सं राजकिशोर सक्सेना, तमिलनाडु सं डा. चन्द्रभूषण प्रसाद, नई दिल्ली सं प्रो. पी.के. झा प्रेम, उपेन्द्र नाथ, उत्तरप्रदेश सं डा. मणिकांत ठाकुर आ डा. सोमेश्वर दत्त शास्त्री, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. दीप्ति त्रिपाठी, जम्मू-कश्मीर सं प्रो. वेदकुमारी घई आ प्रो. रामप्रताप, हैदराबाद सं डा. अहिल्या मिश्र, कोलकाता के पूर्व महापौर श्याम सुंदर गुप्ता, जितेन्द्र धीर, इंडियन फेडरेशन वर्किंग जर्नलिस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. विक्रम राव, राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, जयपुर के प्राचार्य डा. अर्क नाथ चौधरी आ डा. इन्द्रदेव मेहता, कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति डा. नंदकिशोर शर्मा आ डा. शिववंश पाण्डेय समेत दर्जनों विद्वान भाग ल रहल छथि।