मानल जाइत छैक जे विद्यापति संग स्वयं महादेव उगना बनि रहैत छलाह। जनश्रुति छैक जे ई रहस्य,जे उगना साक्षात् महादेव थिकाह,विद्यापतिए टा के बूझल रहनि आ ईहो जे ई साहचर्य ताधरिक लेल छल जाधरि एकरा रहस्य बना कए राखल जाइत। मुदा,एक दिन जखन विद्यापतिक अर्धांगिनी खिसियाकए उगना पर झाड़ू उठओलनि,त विद्यापति के मुंह सं उगनाक वास्तविक परिचय बहरा गेलनि। ओही क्षण महादेव अलोपित भ गेलाह आ विद्यापति जीवन पर्यन्त हुनका लेल नोर बहबैत रहि गेलाह.......उगना रे मोरा कतए गेलैं........
मुदा,हिंदुस्तान,पटना संस्करण में प्रकाशित खबरिक मोताबिक,लखनऊ में एकटा एहनो मंदिर छैक जहि ठाम शिवकें झाड़ू चढाओल जाइत छनि। हे देवक देव महादेव,अहांक महिमा अपार!