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Thursday, December 17, 2009

कैथी लिपिः नहिं रहलाह जानकार, राई छित्ती भ रहल अछि खतियान

पूर्णिया प्रमंडलीय अभिलेखागार कैथी लिपि के जननिहारक कमी सं जूझि रहल अछि । एहि कारणें,दरभंगा महाराजक काल में एहि लिपि में लिखल गेल खतियान सं संबंधित भूमि-विवाद सेहो लंबित छैक। कैथी लिपि के ओ जानकार लोकनि आब नहिं रहलाह जे खतियान के पढ़िकए समझ सकथि आ ओकर हिन्दी प्रतिलिपि तैयार करबा में सहयोग क सकथि। गत चारि बरख सं ई समस्या बरकरार अछि। तें, अभिलेखागार में राखल वर्ष 1898 सं ल कए 1903 धरिक सर्वे के खतियान राई-बेनमा भेल छैक। बाबत पूर्णिया के उप-समाहर्ता भूपेंद्र कुमार सिंह के कहब छनि जे अभिलेखागार में कैथी लिपि के ज्ञाता के नियुक्ति विभागक लेल एकटा पैघ मुसीबत बनल अछि,यद्यपि हुनकर इहो कहब छनि जे एकरा लेल विभागीय तौर पर प्रयास कएल जा रहल छैक।

पूर्णिया अभिलेखागार में प्रतिलिपिकार के पद पर नियुक्त अर्जुन प्रसाद वर्ष 2005 में सेवानिवृत्त भ गेलाह। श्री प्रसाद असगर शख्स छलाह जनिका कैथी लिपि पढ़ए अबैत छलनि । हुनक सेवानिवृत्तक चारि बरख बीतलाक बादो ई समस्या बनल छैक जे कैथी लिपि में लिखल खतियान के पढत। श्री प्रसाद कहलनि जे वर्ष 1898 के सर्वे सं ल कए वर्ष 1903 धरिक सर्वे में बनल सब खतियान कैथी लिपि में लिखल छैक। पूर्णिया के ओ सबटा खतियान अभिलेखागार में राखल छैक । उल्लेखनीय अछि जे एहि बीचक खतियान में किशनगंज, अररिया आ कटिहारक खतियान सेहो शामिल छैक। श्री प्रसादक सेवानिवृत्ति के बाद सं विभागक लेल मुसीबत बढि गेल छैक। एहि खतियान सबसं संबंधित मोकदमो सब लंबित छैक। दरभंगो सर्वे ऑफिस में कैथी लिपि के मारिते खतियान हेबाक सूचना अछि।
(सहयोगः www.navbihar.blogspot.com)

कैथी लिपि के लेल विकीपीडिया लिंकः
http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A5%88%E0%A4%A5%E0%A5%80_%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A4%BF

श्री हरिशंकर श्रीवास्तव शलभ लिखल अंग लिपि का इतिहास में कैथी लिपि संबंधी पर्याप्त सामग्री उपलब्ध छैक। एहि पुस्तक लेल संपर्क करूःश्री अरविन्द श्रीवास्तव(09431080862)