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Wednesday, November 17, 2010

काल्हि सं विद्यापति स्मृति पर्व समारोह

पटना काल्हि सं तीन दिन धरि मिथिला संस्कृति सं सराबोर रहत। सहभागी लोकनि मैथिली गीत-संगीतक संगहि तिलकोरक तरुआ, सकरौरी, साम आ मखानक खीर कें आनंद ल सकताह। प्रतिष्ठित मैथिली संस्था चेतना समिति के तत्वाधान में काल्हि सं 57म विद्यापति स्मृति पर्व समारोह शुरू भ रहल अछि । एहि मे मिथिला केर सांस्कृतिक संपन्नता करीब सं देखबाक अवसर भेटत।
चेतना समिति के अध्यक्ष विजय कुमार मिश्र कें कहब छन्हि जे पहिल दिनक कार्यक्रम विद्यापति भवन में आयोजित हएत। उद्घाटन करताह पूर्व मुख्यमंत्री डा. जगन्नाथ मिश्र आर पटना उच्च न्यायालय कें न्यायमूर्ति मृदुला मिश्र मुख्य अतिथि रहतीह। दोसर दिन भोरे दस बजे सं विद्यापति भवन में 'मैथिली बाल साहित्य : स्थिति एवं संभावना' विषय पर विचार गोष्ठी आयोजित हएत। दोसर दिनक मुख्य कार्यक्रम अभियंत्रण सेवा संघ के प्रांगण में हएत। तेसर दिन एही प्रांगण में भोरे दस बजे सं बाल मेला आर दुपहर तीन बजे सं आनंद मेला आयोजित हएत। तेसर दिनक मुख्य कार्यक्रम केर उद्घाटन बिहार विधान परिषद के सभापति पं. ताराकांत झा करताह। ओकर बाद अरविन्द कुमार अक्कू लिखित 'झिझिर कोना' नाटक खेलाएल जाएत जकर निर्देशन कएने छथि कौशल कुमार दास। एहि बेर त्रिलोकीनाथ मिश्र कें संस्कृत भाषा साहित्य, रामदेव झा कें मैथिली भाषा साहित्य, रमा दास कें संगीत-नृत्य-नाटक सम्मान, विमला दत्त कें मिथिला चित्रकला सम्मान, गणपति मिश्र कें विशिष्ट सम्मान, भाग्य नारायण झा कें चेतना सेवी सम्मान आर महाप्रकाश कें कीर्ति नारायण मिश्र साहित्य सम्मान देल जएतनि। एतबे नहि, डा. ताराकांत झा वियोगी कें यात्री चेतना पुरस्कार, प्रभा मेमोरियल ट्रस्ट कें सुलभ समाज सेवा आ ऋषि वशिष्ठ कें डा. महेश्वरी सिंह 'महेश' पुरस्कार सेहो देल जएतन्हि। श्री मिश्र महाकवि विद्यापति केर जयंती कें पहिल बेर राजकीय समारोह के तौर पर मनएबा लेल राज्य सरकार के प्रति आभार प्रकट कएलनि अछि। हुनकर आग्रह छन्हि जे मैथिललोकनि बेसी सं बेसी संख्या मे एहि समारोह में शामिल होथि।